दलित-बहुजन विमर्श से सरोकार रखनेवाले आंबेडकरवादी चिंतक जिसे मनुवाद कहते हैं
उसे साम्यवादी-गांधीवादी बौद्धिक फासीवाद कहते हैं. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं
है. मार्क्स ने सच ही कहा था, आपका द्रष्टिकोण आपके वर्गीय चरित्र पर निर्भर है.
और अगर आप हिन्दुस्तान में हैं तो आपका द्रष्टिकोण आपकी जाति पर भी निर्भर है.
मगर, छोडिये इन बातों को. मेरी सीधी सादी समज यह है कि आप आरएसएस को सिर्फ फासीवादी
या मनुवादी मत कहिये. संघ मनुवादी है और इसलिए फासीवादी भी है.
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