उन्हे कीडे से नफरत है, मगर
मलकुंड की दोस्ती छोडना नहीं चाहते. केशुभाई पटेल, काशीराम राणा, सुरेश महेता जैसे
गुजरात बीजेपी के फोसिलाइज्ड लीडरों से ले कर नीतिश कुमार, शरद यादव तक के लोगों
की यही हालत है. मोदी से बैर, बीजेपी से प्यार. इनका हम क्या करेंगे, यार?
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