गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

वन बिलीयन राइझिंग और मनुस्मृति

इस देश में ‘वन बिलीयन राइझिंग’ वेलेन्टाइन डे पर नहीं होना चाहिए, बल्कि मनुस्मृति का दहन करके होना चाहिए, क्योंकि ‘दबंग’ मनु ने लिखा है,

"पीले वर्ण वाली, अधिक अंग वाली (जैसे छ: अंगुली), जिस के शरीर पर कुछ भी लोम न हो, जिस के शरीर पर बडे-बडे लोम हो, व्यर्थ बोलने वाली, बिल्ली के जैसे पीले नेत्र वाली तथा जिस कन्या का नाम नक्षत्र (रेवती, रोहिणी, इत्यादि), नदी (गंगा, यमुना, इत्यादि), पर्वत (विंद्याचला इत्यादि), पक्षी (कोकिला, हंसा, इत्यादि), वृक्ष (चमेली, मालती, इत्यादि) पर हो, या जिस कन्या का नाम भीषण (कालिका, चंडिका, इत्यादि) हो, उससे विवाह न करे."

मल्लिका साराभाई, आपने मनुस्मृति पढी है?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें