मंगलवार, 10 अप्रैल 2012

मोरारी की अंबेडकर कथा और प्रकाश अंबेडकर

गुजरात में रामकथा के माध्यम से हिन्दुत्व तथा सांप्रदायिकता बढ़ाने में जिसने बहुत बडा योगदान दिया है, ऐसा मोरारी नाम का एक बापु इस साल चौदह एप्रैल को राजकोट शहर में अंबेडकर कथा कर रहा है, और उसमें बाबासाहब का बायोलोजिकल बेटा प्रकाश अंबेडकर क्युं आनेवाला है इस सवाल का जवाब हमें अभी तक नहीं मिला है. इस लिए महाराष्ट्र के दलित बुद्धिजीवियों से हम बीनती कर रहे हैं कि इस प्रकाश अंबेडकर को पूछे कि भैया आप ऐसी गलती क्युं कर रहे हो. 

गुजरात में नरेन्द्र मोदी प्रेरित 2002 के नरसंहार के बाद किसी भी साधु-संत-बापु-स्वामीने इतने बडे पैमाने पर इन्सानियत की हूई कत्ल के खिलाफ एक शब्द भी कहा नहीं. इन्ही साधु-संत-बापु-स्वामीओं ने गुजरात के सवर्ण हिन्दु समाज को पीछले बीस साल में कट्टरपंथी बनाया है. उनका सारा क्रियाकलाप हिन्दुत्व-केन्द्रित राजनीति को बढवा देना है. राजकोट के एक दलित प्रोफेसर सुनील जादव मोरारी का दिवाना है, जो ऐसा कहता है कि, दलित पेंथर से लेकर सारी दलित मुवमेन्ट निष्फल गई है और मोरारी बापु की अंबेडकर कथा ही सारी दलित समस्याओं का एक मात्र हल है. ऐसे मुर्ख लोग दलित समाज का सत्यानाश करने पर तूले है और प्रकाश अंबेडकर उनको साथ दे रहे है, यह बडी शर्मनाक बात है.

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